About Us : Pandit Harihar Shastri Sanskrit Vidyalaya
हमारे बारे में

संस्कृत शिक्षा का मानदंड

पंडित हरिहर शास्त्री संस्कृत विद्यालय का स्थापना एक महत्वपूर्ण उद्देश्य के साथ किया गया था - संस्कृत भाषा और संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन। हमारा विद्यालय उच्चतम मानकों के साथ शिक्षा प्रदान करता है और छात्रों को संस्कृत भाषा में विशेषज्ञ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

पंडित हरिहर शास्त्री संस्कृत विद्यालय गौरवशाली सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर का प्रतीक है। यह कॉलेज छात्रों को प्राचीन भारतीय ज्ञान, भाषा और परंपराओं से परिचित कराता है, जिससे वे न केवल अकादमिक रूप से बल्कि जीवन के प्रत्येक पहलू में समृद्ध बन सकें।

  • आधुनिक शिक्षण विधियों के साथ पारंपरिक शिक्षा का संगम।
  • व्यक्तिगत ध्यान और मार्गदर्शन।

  • नियमित संगोष्ठियाँ और कार्यशालाएँ।

  • हमारे शिक्षक संस्कृत भाषा और साहित्य में विशिष्ट ज्ञान और अनुभव रखते हैं।

प्रचार्य का सन्देश
प्रबंधक - डा .सत्यनारायणपांडेय
भूत पूर्व प्रभारी चिकित्साधिकारी (आयुर्वेद )

ऐसे पुण्य पवित्र भूमि भारत में उत्तरप्रदेश के पूर्वांचल में देवल ऋषि दत्तात्रेय दुर्वाषा चन्द्रमा ऋषि महर्षियों की तपो भूमि पवन नदी तमसा के दक्षिणी भू - भाग पर एवं पतितोद्धारिणी गंगा के उत्तरी दिग्गविभाग में स्थित आजमगढ़ जनपद के बेलहा क्षेत्र के नाम से प्रशिद्ध बाबा खड्गसीराव के द्वारा स्थापित गांव खरगपुर के पवन पुण्य भूमि पर पं० हरिहर प्रसाद पांडेय का जन्म हुआ जो अपने समय के पूर्ण संस्कृत निष्ठ एवं संस्कृत शिक्षा के क्षेत्र में स्वनामधन्य व्यक्तित्व प्रधानाचार्य के रूप में महेश्वर संस्कृत पाठशाला र सूलपुर गोमाडी हमें विद्यादान करते हुए अपने पदनामको अलंकृत किये I इनके पढ़ाये अनेकानेक क्षात्र संस्कृत के विद्वान हुए और कुलपति के पद तक को भी विभूषित किये ,जिनमे पूर्ण संस्कृत निष्टडा. राजदेव मिश्र कुलपति सम्पूर्णानन्द संस्कृत वि . वि . वाराणसी प्रमुख रहे पं० हरिहर प्रसाद पांडेय जी की मृत्यु के बाद भी संस्कृत के प्रति समर्पण इस परिवार का बना रहा इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए उनके सुयोग्य पुत्र हुए डा. सत्यनारायण पांडेय ने अपने पिता के स्वप्न को मूर्त रूप प्रदान करने हेतु पं० हरिहर शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना श्रावण त्रयोदशी श्रावणी पर्व संस्कृत दिवस के दो दिन पूर्व संस्कृत महाविद्यालय की आधार शिला रखकर पूर्ण किया पं . हरिहर शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना भूमिपूजन श्री संवत 2065 शाके 1930 याम्यायनं सौभ्यागोलः वर्षरतुः तदनुसार श्रावणशुक्ल त्रयोदशी दिन - गुरुवार दिनांक 14 अगस्त 2008 को दिन में 12 : 28 से 2 : 45 मिनट तक पूजन का कार्य हुआ|

500+

विशेषज्ञ शिक्षक

18+

छात्रावासी

8+

छात्र

5%

गुणात्मक शिक्षा

डा० सत्यनारायण पांडेय एवं श्रीमती उर्मिला पांडेय

भूमि पूजन प्रबंधक

डा० सत्यनारायण पांडेय एवं श्रीमती उर्मिला पांडेय ने किया भूमिपूजन क्षेत्र के विद्वान ब्राह्मणों के द्वारा हुआ इस अवसर पर अपने गांव के गणमान्य लोग एवं हमारे पांचों पुत्र उपस्थित थे I महाविद्यालय के निर्माण में तीन वर्ष लगे I उसी वर्ष से संस्कृत दिवस पं० हरिहर शास्त्री शिक्षण सेवा संस्थान में मनाया गया तब से यह उत्सव दिवस इस संस्थान के द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा I अब यह परम पुनीत कार्य प्रति वर्ष होता है I महाविद्यालय जो अपना पूर्ण मूर्तरूप 2015 में प्राप्त कर सका I सन 2016 में इस महाविद्यालय को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी से पूर्ण मान्यता प्राप्त हुआ इसी संकल्प कल्पना का यहमूर्त रूप पं० हरिहर शास्त्री संस्कृत महाविद्यालय आज पुष्पित एवं पल्वित हो रहा है I जिस विशाल जनकल्याण के लक्ष्य को लेकर इस संस्थान की स्थापना की आधार शिला स्थापित गयी वह निरंतर अपने विकास को ओर उन्मुख है I